बुधवार, 14 जुलाई 2021

बाल कविता : छुटकी की उलझन



छुटकी बोली भैया से

भैया एक बात बताओ 

दिन में गर्मी रात में ठंडक 

होती क्यों समझाओ

भैया ने उसको समझाया

सूरज चाचा दिन भर

गुस्से से तपते रहते

उनके गुस्से से ही हम

दिन भर गर्मी सहते

रात को चंदा मामा आ

चांदनी मामी संग इठलाते

फिर दोनों प्रेम भाव से

 जग में ठंडक फैलाते।

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