"आत्मा के सौंदर्य का शब्द रूप है काव्य,
मानव होना भाग्य है, कवि होना सौभाग्य।"
कवि गोपालदास नीरज की उक्त पंक्तियों को चरितार्थ करते हुए काव्य परिवार में एक नए सदस्य का आगमन हुआ है और उस सदस्य का नाम है सुश्री नेहा बंसल। साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित अंग्रेजी कविताओं के संग्रह 'हर स्टोरी' के माध्यम से कवयित्री नेहा बंसल पाठकों के लिए उन नारियों की कहानियाँ लेकर आयीं हैं, जिनके बारे में समाज ने लिखना उचित नहीं समझा और यदि लिखा भी है तो उसे नगण्य की श्रेणी में ही रखा जाएगा। द्रोपदी, हिडिम्बी, अहिल्या, सूर्पनखा, मंदोदरी, रेणुका, यशोदा व उर्मिला जैसे ऐतिहासिक पात्रों के साथ-साथ कवयित्री ने नारी जीवन से जुड़े प्रत्येक विषय पर अपनी कलम चलायी है। वह विषय चाहे अपने स्वार्थ के लिए नारी को डायन घोषित कर मार डालने वाले समाज का हो, या वासना से अभिभूत सिरफिरों द्वारा तेजाब फेंककर किसी मासूम लड़की का चेहरा जलाकर उसका जीवन बर्बाद कर देने की घृणित मानसिकता हो या फिर नारी के शोषण के लिए अपनायी जाने वालीं सामाजिक कुरीतियों का वर्णन हो। कवयित्री ने प्रत्येक विषय को बड़े ही संवेदनशील व मार्मिक ढंग से अपने इस कविता संग्रह में उठाया है। नारी से संबंधित छोटे-बड़े विषयों को जिस गहराई व संवेदनशीलता से कवयित्री ने उस संग्रह में संकलित अपनी 39 कविताओं द्वारा प्रस्तुत किया है वह प्रशंसनीय हैं। हिडिम्बी पर केंद्रित कविता के साथ-साथ इस कविता संग्रह की कुछ अन्य कविताएं तो इतनी मार्मिक हैं, कि उन्हें पढ़कर पाठक का हृदय संवेदना से भर उठता है। प्रशासनिक सेवा में रहते हुए भी कवयित्री का संवेदनशील लेखन पाठकों को इस बात के प्रति आश्वस्त करता है, कि कवयित्री लेखन के साथ-साथ प्रशासनिक सेवा का संवहन करते हुए समाज की बेहतरी में निश्चित रूप से अपना भरपूर योगदान देंगीं। इसलिए मुझे आशा के साथ-साथ पूर्ण विश्वास है, कि सरस्वती कुल के सभी सम्मानित सदस्यगण एवं गंभीर पाठकगण कवयित्री के इस प्रथम प्रयास के लिए उनका हृदय खोलकर स्वागत करेंगे तथा साथ ही ये कामना करेंगे कि कवयित्री नेहा बंसल एक न एक दिन लेखन के आकाश में ध्रुव तारा बनकर चमकें। एवमस्तु!
पुस्तक - हर स्टोरी
लेखिका - नेहा बंसल, नई दिल्ली
प्रकाशक - साहित्य अकादमी, दिल्ली
पृष्ठ - 78
मूल्य - 100 रुपये
समीक्षक - सुमित प्रताप सिंह, नई दिल्ली