मुझे अब तक जीवन में ऐसा कोई गुरु नहीं मिला, जो मुझे जीवन की राह में चलने सही सलीका सिखाता। मैं सदैव एक ऐसे व्यक्ति की तलाश में रहा, जिसके मार्गदर्शन में चल कर मैं इस जीवन के रण को जीतकर सफलता के शिखर को चूम सकूँ। मेरी खोज अब तक पूरी नहीं हुई, तो इस बात से मैं निराश नहीं हूँ। मैंने अपने जीवन में आयी हर कठिनाई, परिस्थिति व उलझन से उलझते हुए उससे कुछ न कुछ सीखने की कोशिश की है। अब तक मिले हर अच्छे-बुरे, टुच्चे-लुच्चे इंसान ने मुझे कोई न कोई सीख दी है। बेशक मैं जीवन की राह में दौड़ नहीं पा रहा हूँ, पर घिसट भी तो नहीं रहा हूँ। मैं जीवन के पथ पर निरंतर चलता हुआ आगे बढ़ता जा रहा हूँ, इस यकीन के साथ कि एक न एक दिन तो मुझे मेरी मंज़िल जरूर मिलेगी।