गुरुवार, 3 जून 2021

व्यंग्य : आपदा के देव


      कोरोना संक्रमण से ठीक होकर जिले ड्यूटी जॉइन करने के बाद इमरजेंसी ड्यूटी पर नफे के साथ मोटरसाइकिल पर अपने थाना क्षेत्र में विचर रहा है। 
जिले - भाई नफे!
नफे - हाँ बोल भाई जिले!
जिले - आज सरकारी मोटरसाइकिल के पहिए किस मंज़िल की ओर बढ़ रहे हैं?
नफे - ये आज एक विशेष परिवार से मिलने जा रहे हैं।
जिले - ऐसा कौन सा विशेष परिवार है जो मोटरसाइकिल के पहिए पूरे जोश से भागे जा रहे हैं।।
नफे - वो विशेष परिवार पुलिस का खूनी परिवार है।
जिले - पुलिस का खूनी परिवार? भाई, यहाँ बड़ी मुश्किल से कोरोना से जान बचा के आया हूँ, अब तू पुलिस के खूनी परिवार के लफड़े में काहे को फँसा रहा है?
नफे - पुलिस के खूनी परिवार से डरने की जरूरत नहीं है।
जिले - भाई, एक तो वो पुलिस का खूनी परिवार है ऊपर से तू कह रहा है कि उससे डरने की जरूरत नहीं है।
नफे - हाँ, क्योंकि वो परिवार किसी का खून नहीं करता।
जिले - तो फिर क्या करता है? जरा खुल के बता।
नफे - पुलिस का खूनी परिवार अपनी धमनियों में दौड़ रहे रक्त को जरूरतमंदों को दान कर उनके जीवन की रक्षा करता है।
जिले - फिर तो भाई इस परिवार का नाम पुलिस का रक्तदाता परिवार होना चाहिए।
नफे - होना तो चाहिए पर आज के युग में लोग सकारात्मकता से एक कोस दूरी बनाकर रखना ही अपना नैतिक कर्तव्य समझते हैं। इसलिए रक्तदाता परिवार ने खूनी परिवार नाम ही अपनाना उचित समझा।
जिले - भाई, जहाँ दुनिया वाले पुलिस वालों का खून चूसने में कोई कसर नहीं छोड़ते, वहीं पुलिस का ये खूनी परिवार लोगों को खून दान कर रहा है। वैसे ऐसा करके इस परिवार को मिलता क्या है?
नफे - रक्तदान के बाद आत्मिक संतुष्टि और लोगों का आशीर्वाद व दुआएँ।
जिले - इस कलियुग में आत्मिक संतुष्टि, आशीर्वाद व दुआएं तो बहुत कीमती चीजें हैं।
नफे - हाँ भाई, इन कीमती चीजों के लिए पुलिस के इस खूनी परिवार के कई सदस्य तो रक्तदान करने में शतक लगा चुके हैं।
जिले - नमन है ऐसे शतकवीरों को! जिस समय कुछ लोग कुटिलता और स्वार्थ का नगाड़ा पीटने में मस्त हैं, उस समय ये रक्तदानी मानवता की शहनाई बजा रहे हैं। (कुछ सोचते हुए) भाई, मैं एक बात सोच रहा हूँ।
नफे - जो सोच रहा है बोल दे।
जिले - मैं सोच रहा हूँ कि मैं भी पुलिस के इस खूनी परिवार की सदस्यता ले लूँ। 
नफे - बिलकुल अच्छा सोचा है। जिले, उस दिन तू पूछ रहा था न कि देव कैसे होते हैं?
जिले - हाँ भाई, पूछा था पर तूने इसके बारे में बाद में बताने को कहा था।
नफे - अपने रक्त से मानव जीवन की रक्षा करने वाले देव नहीं तो और क्या हैं। इनके साथ-साथ वे सब मानव, देव की श्रेणी में रखे जा सकते हैं, जो ऐसे विकट काल में मानव जाति की सेवा और रक्षा में कर्मठता से जुटे हुए हैं।
जिले - सही कहा भाई, ऐसे मानव आपदा के देव ही हैं। इनके परिवार में सम्मिलित होकर मानवता की सेवा करना मेरा सौभाग्य ही होगा।
नफे - जिले, ये तेरा बहुत ही नेक विचार है।

कोई टिप्पणी नहीं:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...