गुरुवार, 17 जून 2021

व्यंग्य : लहर चालू आहे


    नफे को विचारों में खोया हुआ देख कर जिले ने उससे पूछा।

जिले - भाई नफे!

नफे - हाँ बोल भाई जिले!

जिले - और आजकल क्या चल रहा है?

नफे - आजकल लहर चल रही है।

जिले - अब तक तो मैंने फॉग, स्वैग वगैरह के चलने के बारे में ही सुना था, पर तूने तो नई बात बता दी। वैसे इस लहर के चलने के बारे में कुछ बता।

नफे - भाई, लहर तो अपने देश में कई सालों से चल रही है। अब तूने देखी नहीं तो इसमें भला लहर का क्या दोष है।

जिले - भाई, भूल हो गयी जो देख नहीं पाया। अब तू अपनी आँखों से दिखा दे न।

नफे - आजादी से पहले अपने देश में देशभक्ति की लहर चलनी शुरू हुई थी। इस लहर में अंग्रेजी सत्ता उखड़कर उड़ते-उड़ते अपने मूल स्थान पर जा पहुँची और इस देश को लूट कर ले जाए गए माल के ब्याज पर अंग्रेजों की अय्याशी अब तक जारी है।

जिले - अंग्रेजी सत्ता के जाने के बाद अपने देश में कौन सी लहर चली थी?

नफे - उसके बाद देश को कथित स्वतंत्रता दिलवाने वालों के सत्ता सुख भोगने की लहर चली, जिसमें आजादी की खातिर मर-मिटने वालों और उनके परिवारों को विवशता के आँसू बहाते हुए देशवासियों ने देखा।

जिले - मतलब कि जिन्होंने देश के लिए अपना सबकुछ लुटा दिया, वे और उनका परिवार आजादी के बाद लुटी-पिटी हालत में ही रहे। अच्छा उसके बाद कौन सी लहर आयी?

नफे - उसके बाद भारत के बहादुर लाल की कुछ दिनों के लिए लहर चली, जिसने पापी पड़ोसी देश को कुछ पलों के लिए काल के साक्षात दर्शन करवा दिए। 

जिले - पर देश के उस बहादुर लाल को सत्ता पिपासुओं ने साजिश के तहत काल के गाल के हवाले कर दिया गया। खैर, उसके बाद कौन सी लहर आयी?

नफे - उसके बाद इमरजेंसी की लहर आयी, जिसमें अच्छे-अच्छे सूरमा उड़ कर जेल की सलाखों के पीछे जाकर गिरे।

जिले - बाद में उनमें से कई सूरमाओं ने सत्ता का सुरमा लगा कर देश को जमकर चूना लगाया। नेक्स्ट प्लीज!

नफे - उसके बात सत्ता बदलाव की लहर चली। फिर सत्ता वापसी की लहर चली। फिर बड़े पेड़ के गिरने के बाद विध्वंसक प्रतिक्रिया की लहर चली। उसके बाद छोटी-मोटी लहरों के चलने का सिलसिला चलता रहा। फिर एक लहर ऐसी आयी जिससे देश और दुनिया हिल गयी।

जिले - भाई, बोलते जा, इन लहरों के इतिहास को सुनकर मन लहरा रहा है।

नफे - इस मजबूत लहर ने जाने कितनों की राजनीति की दुकानों को उड़ा कर समुद्र में ले जाकर डुबो दिया और उन दुकानदारों को छाती पीटकर रोते रहने को छोड़ दिया।

जिले - अब उनके बाकी दिन यूँ ही छाती पीटते हुए ही बीतेंगे। अब तू आगे की बता।

नफे - इस मजबूत लहर के बाद चीनी ड्रैगन की अवैध संतान की विध्वंसक लहरों का आगमन हुआ।

जिले - चीनी ड्रैगन की अवैध संतान की लहरें? भाई, मैं कुछ समझा नहीं।

नफे - चीनी ड्रैगन की अवैध संतान यानि कि कोरोना। इसकी अब तक दो लहरें दुनिया में मौत का तांडव मचा चुकी हैं।

जिले - सही कहा भाई, चीनी ड्रैगन की इस अवैध संतान ने दुनिया की ऐसी-तैसी कर डाली। सुन रहे हैं कि कुल मिलाकर इस मुएँ कोरोना की पाँच लहरें आयेंगीं। अब न जाने ये तीसरी लहर कब आएगी।

नफे - संभावना तो ये है कि अपने देश में इसकी तीसरी लहर जल्द ही आएगी।

जिले - तू इतने विश्वास के साथ कैसे कह सकता है?

नफे - तुझे हो न हो पर मुझे अपने देश के कुछ महान लोगों पर पूरा विश्वास है, कि वे सब मिलकर इस तीसरी लहर को जल्द ही ले आयेंगे।

जिले - वो भला कैसे?

नफे - इसके लिए उन्होंने तैयारी शुरु कर दी है। वे सब बिना मास्क के बिना बात के घर से बाहर घुमक्कड़ी का आनंद ले रहे हैं और सोशल डिस्टेन्सिंग की हत्या तो उन्होंने पहले ही उसका गला दबा कर दी है। 

जिले - भाई, मैं तो चला।

नफे - कहाँ को चला?

जिले - अगर ये महान लोग तीसरी लहर लाने की तैयारी शुरू कर चुके हैं, तो मैं भी जाकर इनसे बचने तैयारी आरंभ करता हूँ।

नफे - ईश्वर तेरी कोरोना से रक्षा करे।

जिले - भाई, ईश्वर सिर्फ मेरी ही नहीं बल्कि तेरी और सारी दुनिया की इस कोरोना से रक्षा करे।

नफे - एवमस्तु!

2 टिप्‍पणियां:

कविता रावत ने कहा…

लहर पे तहर
बर्बाद होते शहर


बहुत सटीक

Sumit Pratap Singh ने कहा…

प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार

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