लॉकडाउन में पुलिस कर्मी जिले सिंह और नफे सिंह एक कॉलोनी में कॉलोनी वालों को बिना मास्क के लापरवाही से घूमते देखकर विचारमग्न हो खड़े हुए हैं।
जिले - भाई नफे!
नफे - हाँ बोल भाई जिले!
जिले - भाई हमने कॉलोनी के नोटिस बोर्ड पर सरकारी आदेश लगा दिया कि मास्क पहनकर रहो, सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करो और बिना-वजह घर से बाहर मत निकलो। इस बात को हमने कई बार लाउडस्पीकर पर बोल कर भी सुना दिया पर पब्लिक है कि मानती ही नहीं। देख तो कैसे लोग बिना मास्क और बिना सोशल डिस्टेन्सिंग के बेशर्मी से घूम रहे हैं।
नफे- भाई हम आखिर कर भी क्या सकते हैं, देशवासियों की फितरत ही ऐसी हो गयी है, कि किसी सही काम को करने के लिए कहो तो उसे मानने में इनकी नानी मरती है। इनका चाहे जितने बार चालान कर लो पर ये सुधरने वाले नहीं हैं। सरकारी आदेश के विपरीत काम करने में शायद इन्हें कुछ ज्यादा ही मजा आता है।
जिले- सही कहा भाई, नियम तोड़ना तो देशवासियों की फितरत में शामिल हो गया है। पर हमें भी तो अपनी ड्यूटी पूरी करनी है। इसलिए इन बिना मास्क के घूम रहे ज्यादा पढ़े-लिखे लोगों को मास्क पहना कर सोशल डिस्टेन्सिंग में रखने का उपाय खोजना पड़ेगा।
नफे - इनका तो कुछ और ही इंतज़ाम करना पड़ेगा।
जिले - क्या इंतज़ाम सोचा है? ज़रा मुझे भी तो बता।
नफे - इधर कान ला।
नफे, जिले को कान में योजना समझाता है।
जिले नोटिस में 'मास्क पहनना व सोशल डिस्टेन्सिंग में रहना मना है। जो मास्क पहनेगा अथवा सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करता मिलेगा उसका जुर्माना किया जाएगा।' लिखकर लगा देता है और लाउडस्पीकर पर भी इस आदेश को बोल कर पब्लिक को सुना देता है।
कुछ देर बाद लोग सोशल डिस्टेन्सिंग में रहते हुए मुँह पर मास्क लगाकर घूमते हुए मिलते हैं।
जिले - भाई नफे!
नफे - हाँ बोल भाई जिले!
जिले - योजना काम कर गयी।
नफे - काम करनी ही थी। दुनिया में लोगों की फितरत ही ऐसी है। जिस काम को करने को कहोगे उसका उल्टा ही करते हैं।
जिले - ये बात तूने बिलकुल सही कही।
नफे - चल अब तू भी अपनी फितरत बदल।
जिले - मैं कुछ समझा नहीं।
नफे - इतनी देर से मास्क को नाक से नीचे कर रखा है। चल जल्दी से मास्क को ठीक तरह से पहन ले।
जिले - अरे भाई, इन उल्लुओं के चक्कर में मैं खुद ही अपने मास्क पर ध्यान देना भूल गया।
जिले अपने मास्क को ठीक करके पहनता है।
नफे - अब ठीक है।
जिले - वियर मास्क, कीप सोशल डिस्टेन्सिंग, स्टे होम, स्टे सेफ!
जिले उत्साह के साथ मुस्कुराते हुए नफे से बोलता है।
नफे - पहले दो नियम तो हम पुलिस वाले अपना ही रहे हैं, पर हम पुलिस वालों की किस्मत में घर में रहना कहाँ लिखा है। (अपनी लाठी उठाते हुए) चल अब निकलते हैं।
जिले - अब कहाँ चलना है?
नफे - भाई, दूसरी कॉलोनी के ज्यादा पढ़े-लिखे लोगों को भी मास्क पहनवाने और सोशल डिस्टेन्सिंग में रखने की मशक्कत करनी है।
2 टिप्पणियां:
वाह😅
आभार...
एक टिप्पणी भेजें