रविवार, 17 सितंबर 2017

लघुकथा : कागौर


   श्राद्धों में कौओं को कागौर खिलाने के बाद भेदा कमरे में बने मंदिर के आगे हाथ जोड़कर बोला, "हे भगवान हमाई अम्मा को स्वर्ग में आराम और चैन से रखियो।"
तभी कमरे में टँगी भेदा की अम्मा की तस्वीर फर्श पर आ गिरी।
भेदा ने तस्वीर को ध्यान से देखा तो उसे ऐसा अनुभव हुआ कि जैसे उसकी अम्मा उससे कह रही हों, "लला अगर बहू की बातन में न आयकै हमाओ समय से इलाज करवाय देते तो आज तुम्हाये संगें हमऊ कागौर खिलाय रहीं होतीं।"

लेखक : सुमित प्रताप सिंह


कोई टिप्पणी नहीं:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...