बुधवार, 21 सितंबर 2016

कविता : हल्के लोग

हल्के लोग
करते हैं सदैव
हल्की ही बातें
और करते हैं 
सबसे ये उम्मीद क़ि
उनकी हल्की बातों को
भारी माना जाए
इसके लिए देते हैं
वे बड़े-बड़े और
भारी-भारी तर्क
जब भी उन्हें
समझाया जाए
उनके हल्के
होने के बारे में
तो उतर आते हैं
वे अपने हल्केपन पर।

लेखक : सुमित प्रताप सिंह

कोई टिप्पणी नहीं:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...