एक-एक पल की खबर दिखाते
घर, कूँचों और गलियारों की
आओ हम सब मिल गाथा गायें
कोरोना वारियर्स पत्रकारों की
कोई खबर न छूटे जिनसे
हो मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारों की
आओ हम सब मिल गाथा गायें
कोरोना वारियर्स पत्रकारों की
सर्दी, गर्मी, बारिश की
ये परवाह कभी न करते हैं
देश के हर हालात पे
ये ध्यान सदा ही धरते हैं
ये देश का चौथा खंबा कहलाते
हम कद्र करें इन उजियारों की
आओ हम सब मिल गाथा गायें
कोरोना वारियर्स पत्रकारों की
देश में झगड़े-दंगे हों
या फैले कोई महामारी
पत्रकार कर्तव्य निभा
जुटा लाते खबरें सारी
अंदाज अलग, है बात अलग
देश के इन बलिहारों की
आओ हम सब मिल गाथा गायें
कोरोना वारियर्स पत्रकारों की
ये बिना सुरक्षा जीते हैं
पर चिंता राष्ट्र की करते हैं
इनमें से जाने कितने अक्सर
बदहाली-तंगहाली में मरते हैं
फिर भी इनकी कोशिश रहती
देश से, हो छटा दूर अंधियारों की
आओ हम सब मिल गाथा गायें
कोरोना वारियर्स पत्रकारों की
लेखक : सुमित प्रताप सिंह