न राजपूत किसी पंडित, जाट या गूजर को गाली देता है न पंडित, जाट अथवा गूजर किसी राजपूत को गाली देता है। न सवर्ण किसी दलित को गाली देता है और न दलित किसी सवर्ण को गाली देता है। परोक्ष और अपरोक्ष युद्ध में मुँह की खाने के बाद पड़ोसी दुश्मन देश ने अब सोशल मीडिया के माध्यम से भारत से युद्ध के लिए कमर कसी है और अपने कथित वीर सिपाहियों को हमारे देश के भाईचारे को खंडित करने के लिए सोशल मीडिया पर तैनात कर दिया है। ये कथित वीर सिपाही स्वयं को किसी न किसी जाति के नेता व हितेषी घोषित कर दूसरी जातियों के बारे में घृणित व अपमानजनक शब्द लिखकर हमारे आपसी सद्भाव को नष्ट करने की कोशिश में जी-जान से लगातार जुटे हुए हैं। कम पढ़े-लिखे व अल्पबुद्धि के लोग उनके प्रभाव में जल्दी आ जाते हैं और उनकी कठपुतली बनकर अपने जाति बंधुओं के बीच इस घृणा को फैलाने में माध्यम बनने का कार्य करते हैं। विभिन्न जातियों के देवताओं व महापुरुषों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए लेख व चित्र सोशल मीडिया पर डालकर जातियों को आपस में उलझाने की निरंतर साजिश रची जा रही है। इस साजिश के परिणामस्वरूप लोग एक-दूसरे के जानी दुश्मन तक बनते जा रहे हैं और ये लोग भावनाओं में अंधे होकर हत्या तक करने से नहीं चूक रहे हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो दुश्मन देश अपने मकसद में कुछ हद तक कामयाब होता दिख रहा है। इससे पहले कि जातियों के बीच आपसी वैमनस्यता इतनी अधिक बढ़ जाए कि अपने देश में गृह युध्द की नौबत आ जाए और ये देश खंडित होने के कगार पर पहुँच जाए हम देशवासियों को जागना होगा। सोशल मीडिया पर जो भी व्यक्ति किसी जाति के देवता अथवा महापुरुष के विषय में कोई अभद्र टिप्पणी, लेख अथवा चित्र पोस्ट करे तो उसके बारे में सोशल मीडिया के उस प्लेटफार्म के प्रबंधन समूह को सूचना देकर आपत्ति दर्ज करवाई जाए। यदि ऐसा घृणित कार्य करनेवाला आपके आस-पास ही रहता है तो इस संबंध में निकटवर्ती थाने में लिखित शिकायत दी जाए। यदि आप उससे अपरिचित हैं तो साइबर क्राइम सेल को ई मेल द्वारा इसकी शिकायत भेजी जाए। आपका कोई मित्र घृणा फैलानेवाले ऐसे किसी संदेश को सोशल मीडिया पर शेयर करता है तो उसे प्रेमपूर्वक समझाया जाए। यदि वह आपकी बात नहीं मानता है तो उसे अपनी मित्र मंडली से तड़ीपार कर अपने मित्र समूह को इस संबंध में पोस्ट के माध्यम से बाकायदा सूचित करते हुए जानकारी दी जाए। सोशल मीडिया को निरंतर प्रयोग में लानेवाले अपने मित्रों व संबधियों को दुश्मन देश के षड़यंत्र के बारे में बताया जाए।
ऐसे ही कुछ छोटे-छोटे प्रयासों से हम अपने प्यारे देश भारत की अखंडता व संप्रभुता की रक्षा कर सकते हैं। इस बात को हम हमेशा याद रखें कि हर जाति के लिए उसके देवता व महापुरुष आदरणीय और वंदनीय हैं और हमें कोई अधिकार नहीं है कि हम उनके देवताओं अथवा महापुरुषों के विषय में कुछ भी उल-जलूल लिखकर या फिर इस तरह की बातों को शेयर करके उनकी भावनाओं को ठेस पहुचाएं।
नफरत का ये नाग
चैन-ओ-अमन को डस जाएगा
तू अब भी न जागा
तो ये मुल्क़ बंट जाएगा।
याद रखिए यदि हमने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो ये अपना देश कई टुकड़ों में बंट जाएगा और कोई भी देशप्रेमी कभी भी नहीं चाहेगा कि इस देश का कोई भी हिस्सा इससे अलग हो।
जय हिंद!
वंदे मातरम!
लेखक : सुमित प्रताप सिंह
चित्र गूगल से साभार
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