बुधवार, 21 फ़रवरी 2018

सुमित की व्यंग्यस्ते का मराठी अनुवाद लोकार्पित


वेंगुर्ला, महाराष्ट्र : युवा व्यंग्यकार सुमित प्रताप सिंह के पहले व्यंग्य संग्रह 'व्‍यंग्‍यस्‍ते' के मराठी अनुवाद का लोकार्पण वेंगुर्ला द्वारा आयोजित वेंगुर्ला तालुकास्‍तरीय त्रैवार्षिक मराठी साहित्‍य सम्‍मेलन में 17 फरवरी, 2018 को वेंगुर्ला में वरिष्‍ठ लेखक डॉ. सुनीलकुमार लवटे, वरिष्‍ठ लेखिका सौ वृंदा कांबली, वरिष्‍ठ कवि श्री वीरधवल परब और उपस्थित मान्‍यवरों के करकमलों से हुआ।  व्‍यंग्‍यस्‍ते का मराठी में अनुवाद डॉ.  संतोष पवार व श्री बुधाजी कांबली ने किया है तथा इसकी भूमिका मराठी की वरिष्‍ठ लेखिका सौ वृंदा कांबली ने लिखी है।
अपने अध्‍यक्षीय भाषण में डॉ. सुनीलकुमार लवटे  ने कहा कि मराठी भाषा में दूसरी भाषाओं की पुस्‍तकों का अनुवाद कार्य होना बहुत आवश्यक है। इससे एक नया साहित्‍य पढने को मिलता है। नए विचारों से प्रेरणा मिलती है। साथ ही साथ लेखक की शैली, विचार व भाषा  का पता चलता है। वहाँ के समाज का पता चलता है और हमारे ज्ञान में वृद्धि होती है। अनुवाद से हमारी भाषा समृद्ध होने में भी सहायता मिलती है।
इस कार्यक्रम में त्रैवार्षिक मराठी साहित्‍य सम्‍मेलन  के प्रमुख अतिथि व अध्‍यक्ष वरिष्‍ठ लेखक डॉ. सुनीलकुमार लवटे, स्‍वागताध्‍यक्ष सौ सीमा नाईक, उद्घाटक श्री भाई मंत्री,  नगराध्‍यक्ष श्री दिलीप गिरप,  सभापती श्री यशवंत परब, सम्‍मेलन आयोजिका वरिष्‍ठ लेखिका सौ वृंदा कांबली, मराठी के प्रख्‍यात कवि वीरधवल परब, प्राचार्य डॉ. संतोष पवार, श्री बुधाजी कांबली, डॉ. संजीव लिंगवत, साहित्‍य प्रेमी, विद्यार्थी व ग्रामस्‍थ उपस्थित थे।
ज्ञात हो कि सुमित की रचनाओं का अनुवाद पंजाबी, उड़िया, कुमाऊँनी, गुजराती, नेपाली व अंग्रेजी इत्यादि भाषाओं में हो चुका है।
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