गुरुवार, 9 नवंबर 2017

पुलिसवाले का ड्यूटी रेस्ट


पुलिसवाले का ड्यूटी रेस्ट होता है
थाना-चौकी की चारदीवारी
बैरक की खटमल से भरी खाटों
चिट्ठा-रोजनामचे के बंधन और
केस फ़ाइलों के बोझ से दूर
सुकून भरा एक खास दिन

पुलिसवाले का ड्यूटी रेस्ट होता है
बीबी की नशीली नज़रों में खोने
बच्चों की प्रेमभरी आँखों में झाँकने और
माँ-बाप की उम्मीद भरी निगाहों पर
खरा उतरने एक और सुनहरा अवसर

पुलिसवाले का ड्यूटी रेस्ट होता है
घर की साफ-सफाई करने
बाज़ार से सब्जी-फल लाने
बूढ़े माँ-बाप की दवाई खरीदने और
अनेकों छोटे-बड़े कामों को
निपटाने की एक छोटी सी कोशिश

पुलिसवाले का ड्यूटी रेस्ट होता है
भूले-बिसरे दोस्तों को याद करने
उनके संग कुछ पल बिताते हुये
बीते हुये मस्ती भरे पुराने दिनों को
याद करने का एक हसीन मौका

पुलिसवाले का ड्यूटी रेस्ट होता है
अपनी अधूरी पड़ी योजनाओं को पूरा कर
भविष्य के लिये कुछ नई योजनाओं को बुनने
और उनको साकार करने के लिये
जी-जान से जुट जाने का दिवस

पुलिसवाले का ड्यूटी रेस्ट होता है
दिन भर की भागदौड़ के बाद
एक पूरी रात जी-भरके आराम कर
थकान मिटाने के बाद
फिर से अपने कर्तव्य पर
निकल पड़ने का जज्बा।
लेखक : सुमित प्रताप सिंह

* चित्र गूगल से साभार 

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