मित्रो आपके सुमित प्रताप सिंह को लाल कला, सांस्कृतिक चेतना
मंच (रजिस्टर्ड), दिल्ली ने 26 फरवरी, 2012 को आयोजित रंग अबीर उत्सव-2012 में “व्यंग्य सम्राट” नामक सम्मान से
सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम का
आयोजन अल्फा शैक्षणिक संस्थान के प्रांगण में वरिष्ठ
समाजसेवी श्री कृष्णा नन्द की अध्यक्षता
में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गुजरात के सूरत से पधारे हिन्दी मासिक पत्रिका “गुजरात दर्पण” के संपादक श्री ए.आर.मिश्रा एवं ह्यूमन एवं
एनिमल वेलफेयर के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री दिनेश एम.पटेल तथा अतिथि के रुप में
स्थानीय (मीठापुर) निगम पार्षद श्री महेश अवाना थे।
इस कार्यक्रम का संयोजन लाल बिहारी लाल का था तथा संचालन वरिष्ठ
साहित्यकार डा. ए. कीर्तिबर्धन ने किया।
बहरहाल यह तो लाल कला, सांस्कृतिक चेतना मंच (रजिस्टर्ड), दिल्ली का स्नेह था अन्यथा मैं तो अभी व्यंग्य का अदना सा सिपाही ही हूँ। व्यंग्य सम्राट बनने के लिए अभी बहुत लंबा सफर तय करना है, उम्मीद है कि आप सभी का स्नेह और दुआएँ मेरे साथ रहेंगी।
Sumir, haardik badhayiiiiiiiiiii.
जवाब देंहटाएंDr Harish Arora
bahut bahut badhaai sumit ji. kanup
जवाब देंहटाएंशुक्रिया डॉ. हरीश अरोड़ा जी...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया कनुप्रिया जी...
जवाब देंहटाएंcongratulation sir
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई....
जवाब देंहटाएंदीपक शर्मा जी व पद्म सिंह जी
जवाब देंहटाएंशुक्रिया...
badhai bhai:-)
जवाब देंहटाएंशुक्रिया संतोष जी...
जवाब देंहटाएंबधाई और शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया संगीता पुरी जी...
जवाब देंहटाएंअनेक अनेक बधाईयाँ...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया धैर्य प्रताप सिकरवार जी...
जवाब देंहटाएंढेरों शुभकामनाएं! इसी तरह आगे बढते रहो.
जवाब देंहटाएंशुक्रिया विनोद पाराशर जी...
जवाब देंहटाएंबधाई हो सुमित जी...
जवाब देंहटाएंबधाई बधाई बधाई............
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई....
जवाब देंहटाएंशुक्रिया हिन्दी पूत लोकेन्द्र सिंह राजपूत जी...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया चचा चौखट पर खड़े पवन चन्दन जी...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया के 99 फेर में पड़े अरुण चन्द्र रॉय जी... :) :) :)
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई और शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया कैलाश शर्मा जी...
जवाब देंहटाएंइसी तरह आपको सम्मान मिलता रहे और लोगो को हँसाते रहे - प्रदीप महाजन
जवाब देंहटाएंप्रगति मैदान में मिलना हुआ और आज ब्लॉग पर भी। पोस्ट पढ़कर बहुत अच्छा लगा। रहिमन हीरा कब कहे लाख टका मेरा मोल वाले भाव आपके चेहरे पर नज़र आये। मेरी शुभकामनाएं है आप ऎसे ही उन्नति की ओर बढ़ते रहें...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया प्रदीप महाजन भाई...
जवाब देंहटाएंसुनीता शानू जी शुक्रिया जो आपको इस व्यंग्य के शिष्य का लेखन भाया. आप सभी बंधुओं की दुआओं से मैं अच्छा और सार्थक लिखना का प्रयास करता रहूँगा...
जवाब देंहटाएंआपसे प्रगति मैदान में मिल कर अच्छा लगा
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत मुबारक हो सुमित जी
अंजू चौधरी जी शुक्रिया
जवाब देंहटाएंवैसे आपसे मिलकर इस व्यंग्य शिष्य को भी अच्छा लगा...
congrats
जवाब देंहटाएंशुक्रिया राजेन्द्र कलकल जी...
जवाब देंहटाएंप्रगति मैदान में हुई मुलाकात पर एक रिपोर्ट पढ़ियेनई पुरानी हलचल
जवाब देंहटाएंये विनम्रता ही शिखर पर ले जायेगी दोश्त.
जवाब देंहटाएंमुबारक हो ये ,आये बार बार ये दिन ...
एक बार फिर से शुक्रिया धाकड़ ब्लॉगर सुनीता शानू जी का...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया वीरुभाई जी! उम्मीद है कि आपका स्नेह व्यंग्य शिष्य के साथ सदैव यूँ ही बना रहेगा...
जवाब देंहटाएंआप सम्राट हैं,क्यूंकि अच्छे शिष्य हैं.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई.
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
शुक्रिया राकेश कुमार जी...
जवाब देंहटाएंयूँ ही स्नेह बनाए रखें...
आपको भी सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएँ...